भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रथम सवारी 14 जुलाई को: वैदिक उद्घोष, रजत पालकी में भगवान मनमहेश स्वरूप में होंगे दर्शनार्थ, सवारी में होगी श्रद्धा, गरिमा और वैभव की त्रिवेणी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन नगरी में इस वर्ष की प्रथम शाही सवारी को और अधिक भव्य, भक्तिपूर्ण और वैदिक परंपराओं से ओतप्रोत बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार विशेष तैयारियाँ की जा रही हैं। श्री महाकालेश्वर भगवान की प्रथम सवारी इस वर्ष 14 जुलाई सोमवार को निकाली जाएगी, जिसमें भगवान मनमहेश स्वरूप में रजत पालकी पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे। इस सवारी को एक विशेष धार्मिक आयोजन का स्वरूप प्रदान करने हेतु हर सवारी के लिए अलग-अलग धार्मिक थीम निर्धारित की गई है, जिससे यह आयोजन आध्यात्मिक अनुभव के साथ सांस्कृतिक गरिमा को भी समर्पित हो।
प्रथम सवारी के अवसर पर क्षिप्रा नदी के तट पर होगा अद्भुत वैदिक उद्घोष। उज्जैन के 25 प्रमुख गुरुकुलों के 500 से अधिक वैदिक बटुक — दो प्रमुख क्षेत्रों रामघाट और दत्त अखाड़ा में वेदों की ऋचाओं का घोष करेंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक चेतना का प्रतीक होगा, बल्कि हमारी सनातन परंपराओं की गूंज भी सम्पूर्ण वातावरण में भर देगा। क्षिप्रातट पर जब शंखनाद और वैदिक मंत्रों की गूंज के साथ महाकालेश्वर भगवान की पालकी पहुंचेगी, तब समूची नगरी दिव्य ऊर्जा से आलोकित हो उठेगी।
इस आयोजन की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए 25 गुरुकुलों के आचार्यों और प्रबंधकों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें उन्हें मंत्रों के चयन, वैदिक अनुक्रम, बटुकों की संख्या, एवं बस व्यवस्था सहित कई जरूरी निर्देश दिए गए। शिक्षा विभाग के माध्यम से इन बटुकों को आयोजन स्थल तक पहुँचाने की व्यवस्था की जाएगी। बैठक में सहायक प्रशासक गिरीश तिवारी, प्रभारी निदेशक डॉ. पीयूष त्रिपाठी समेत समस्त प्रमुख वैदिक संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इसी क्रम में, श्री महाकाल महालोक के कंट्रोल रूम में श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में शामिल होने वाली भजन मंडलियों की भी एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मंदिर समिति के उप प्रशासक सोनी और सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने की। सभी 09 अधिकृत भजन मंडलियों को निर्देशित किया गया कि वे निर्धारित संख्या और ड्रेस कोड में सवारी में सम्मिलित हों। सवारी की गरिमा बनाए रखने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए कि इस आयोजन में डीजे, शोभा रथ, झांकियाँ आदि पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेंगे। केवल अनुमति प्राप्त भजन मंडलियाँ ही सवारी में भाग ले सकेंगी, जिन्हें निर्धारित समय से पूर्व अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। साथ ही, सभी भजन मंडलियों के प्रस्तुतिकरण का स्वरूप सवारी की धार्मिक गरिमा और वैभव के अनुरूप होना अनिवार्य किया गया है।